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Thursday, January 28, 2010

Shani mantra and stotar's.

शनि मंत्र व स्तोत्र



सर्वबाधा निवारक वैदिक गायत्री मंत्र

'ॐ भगभवाय विद्महे मृत्युरुपाय धीमहि, तन्नो शनि: प्रचोदयात्।'

प्रतिदिन श्रध्दानुसार शनि गायत्री का जाप करने से घर में सदैव मंगलमय वातावरण बना रहता है।

वैदिक शनि मंत्र

ॐ शन्नोदेवीरमिष्टय आपो भवन्तु पीतये शंय्योरभिस्रवन्तुन:।

शनिदेव को प्रसन्न करने का सबसे पवित्र और अनुकूल मंत्र है इसकी दो माला सुबह शाम करने से शनिदेव की भक्ति व प्रीति मिलती है।

'पौराणिक' शनि मंत्र

ॐ ह्रीं नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्।
छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्॥

यह बहुत ही सटीक फल देने वाला शनि मंत्र है। इसका यदि सवा कराड़ जाप स्वयं करे या विद्वान साधकों से करवाएं तो जातक राजा के समान सुख प्राप्त करता है।

शनि ग्रह पीड़ा निवारण मंत्र

सूर्यपुत्रे दीर्घ देहो विशालाक्ष: शिवप्रिय:।
मंदचार: प्रसन्नात्मा पीड़ां हरतु में शनि:॥

सूर्योदय के समय, सूर्य दर्शन करते हुए इस मंत्र का पाठ करना शनि शांति में विशेष उपयोगी होता है।

कष्ट निवारण शनि मंत्र

नीलाम्बर: शूलधर: किरीटी गृघ्रस्थितस्त्रसकरो धनुष्मान्।
चर्तुभुज: सूर्यसुत: प्रशान्त: सदाऽस्तुं मह्यं वरंदोऽल्पगामी॥

इस मंत्र से अनावश्यक समस्याओं से छुटकारा मिलता है। प्रतिदिन एक माला सुबह शाम करने से शत्रु चाह कर भी नुकसान नहीं पहुंचा पायेगा।

सुख-समृध्दि दायक शनि मंत्र

कोणस्थ:पिंगलो वभ्रु: कृष्णौ रौद्रान्त को यम:।
सौरि: शनैश्चरौ मंद: पिप्पलादेन संस्तुत:॥

इस शनि स्तुति को प्रात:काल पाठ करने से शनिजनित कष्ट नहीं व्यापते  और सारा दिन सुख पूर्वक बीतता है।
शनि पत्नी नाम स्तुति

ॐ शं शनैश्चराय नम:
ध्वजनि धामिनी चैव कंकाली कलहप्रिया।
कंटकी कलही चाऽथ तुरंगी महिषी अजा॥
ॐ शं शनैश्चराय नम:

यह बहुत ही अद्भुत और रहस्यमय स्तुति है यदि आपको कारोबारी, पारिवारिक या शारीरिक समस्या हो। इस मंत्र का विधिविधान से जाप और अनुष्ठान किया जाये तो कष्ट आपसे कोसों दूर रहेंगे। यदि आप अनुष्ठान न कर सकें तो प्रतिदिन इस मंत्र की एक माला अवश्य करें घर में सुख-शांति का वातावरण रहेगा।